Madhu Arora

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अनोखी दोस्ती

अनोखी दोस्तीभाग 5
अब तक आपने पढ़ा कोयल नौकरी पर जाने लगी,और घर में अब उसके हालात बेहतर होने लगे विनय भी उससे बातें करने लगा अब आगे

विनय बड़े प्यार से "आओ आओ  कोयल! बैठो खड़ी क्यों हो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है "तुमसे नहीं करूंँगा तो और किससे करूंँगा।

" कोयल हांँ हांँ बोलिए " आपको क्या कहना है?"

विनय जब मेरी सर्विस थी, तब "मैंने एक इन्वेस्टमेंट शुरू की थी और अब मेरी सर्विस खत्म होने के बाद मेरी इन्वेस्टमेंट प्लान अधूरा चल रहा है अगर मैंने जमा नहीं किया तो वह सब पैसा समाप्त हो जाएगा। क्या करूंँ मैं तुमसे कहना तो नहीं चाह रहा था"।

कोयल बोली "विनय कोई बात नहीं !

मम्मी जी को पैसे देकर मेरे पास कुछ पैसे बचे हैं वह मैं तुम्हें दे दूंगी उससे तुम अपने पैसे जमा कर देना।"

विनय कोयल को गले लगाते हुए कोयल तुम कितनी अच्छी हो ।

"आई लव यू कोयल आई लव यू"।

कोयल को कभी भी उन लोगों की बात पर तो विश्वास नहीं हुआ था पर उसको उम्मीद थी कि विनय बदल रहा है और अब तो उसने आई लव यू भी बोला था।

अब विनय रोज रात को कोयल को अपने कमरे में सोने की जिद करता था।

और अब कोयल भी क्यों डरती आखिर उसने सोच ही लिया कि वह विनय की पत्नी  है। अगर किसी ने कुछ भी बोला तो वह जवाब दे देगी।

धीरे-धीरे विनय और कोयल में नजदीकियां बढ़ने लगी।
एक रात दोनों धीरे-धीरे प्यार के समंदर में डूबते चले गए एक दूसरे के आगोश में खोते चले गए सुंदर वादों में घिरते चले गए और दोनों का कुछ इस कदर मिलन हो गया।
कोयल को तो विनय से सिर्फ प्यार भरे दो बोल चाहिए थे
जिनके लिए वे 2 साल से तरस रही थी।

आखिर वह इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गई।

उसको उन लोगों की आदत समझाते हुए भी कोयल विनय के प्यार से खुद को नहीं रोक पाई

मिलन
   
   रात हुई है जवां प्रियतम तुम हो कहांँ?
  मेहंदी डोली चूड़ी ना श्रृंगार चाहिए। 
    बस तेरा प्यार प्यार और प्यारचाहिए
    पूर्णिमा के चांद को गवाह बना लूं,
    तेरी बाँहों में आज सिमट जाऊँ सनम
     बांसुरी सा अधर मेरे अधर पर धर दो
    मुस्कान में तेरी अरमान आज बिछा दूं।
   जी खोलकर हमे तुम प्यार कर लो।
   
   चांद की कसम तुम चांदनी  मेरी
   सात फेरे तुम संग आज मैं भर‌‌ लूं।
   ओ नाज़नीन मेरे पहलू मेंआ जरा
    तेरे गुलाबी होठों से  रंगत चुरा लूं
    तेरे मखमली बदन पर
    प्यार की मोहर लगा दूं।
    
    बांहों में तुम हमको भर लो सनम
    
     थोड़ी जुल्फे खोल लोअब तुम सनम
     
    ए हसीना खो जाऊंँ बाहों के घेरे में
    अपनी हर धड़कन में मुझे बसा लो‌
    मेरे नजदीक आ सनम,
    दूरियां सारी आज मिटा दूं।
    श्याम मैं बन जाऊँ सुन मेरी राधिका 
    लबों से छेड़ूं हर साज आज इश्क का 
    
    धड़कते दिलों की रवानी बन जा,
    आ मेरे इश्क की कहानी बन जा।
     मेरी प्रार्थना, गजल ओ इबादत बन जा,
    मेरे प्यार की  धड़कन की कहानी बन जा।
    
दोनों ने आज से शादीशुदा जिंदगी जीना शुरु कर दी
ऐसे ही प्यार प्यार मे दस -पन्द्रह दिन बीत गए।
कोयल को धीरे-धीरे लगने लगा विनय बदल रहा है। सब ठीक हो जाएगा।

पर असल में बात तो कुछ और थी।

अब आगे क्या बात थी वह जानने के लिए मेरा अगला भाग पढ़िएगा और अपनी सुंदर-सुंदर समीक्षाओं से मुझे प्रोत्साहित कीजिएगा अगर आपको अच्छा लगा हो तो स्टीकर भी दीजिए ताकि मुझे आगे लिखने की प्रेरणा मिलती रहे मुझे लिखने के लिए आप लोगों के साथ की जरूरत होती है आपका प्रोत्साहन ही तो मुझे लिखने को प्रेरित करता है।
                           रचनाकार ✍️
                           मधु अरोरा
  

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4 Comments

वानी

04-Jun-2023 11:39 AM

Nice

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Punam verma

04-Jun-2023 09:40 AM

Very nice

Reply

Abhinav ji

04-Jun-2023 09:04 AM

Nice 👍

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